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छत्तीसगढ़ में फायदे का सौदा बनी ये खेती, 50 फीसदी सब्सिडी दे रही सरकार
फूलों की खेती से कई फायदे मिलते हैं. सबसे पहले इसके लिए कम जमीन की आवश्यकता होती है. जिससे यह सीमित स्थान वाले किसानों के लिए बेहतर विकल्प बन सकता है. मुनाफे की नजर से अगर देखा जाए तो शुरुआत में इसे कम लागत में भी आसानी से शुरू किया जा सकता है. पारंपरिक फसलों की तुलना में फूलों की खेती में लागत आम तौर पर कम होती है. किसान सिर्फ पारंपरिक फसलों की खेती से नहीं, बल्कि फूल उगाकर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. फूलों की मांग भारत के साथ- साथ पूरे विश्व में है.
अगर किसान भाई शेडनेट तकनीक से फूल की खेती करें, तो उन्हें ज्यादा मुनाफा होगा. इस तकनीक से सहारे सालभर एक ही खेत में फूल की खेती की जा सकती है. शेडनेट तकनीक में लागत भी कम आती है. ऐसे में किसान भाई शेडनेट तकनीक को अपनाकर अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं. छत्तीसगढ़ के किसान बड़े स्तर पर शेडनेट तकनीक से फूलों की खेती कर रहे हैं. इससे उनकी कमाई बढ़ गई है. साथ ही इस तकनीक की वजह से फूलों का उत्पादन भी बढ़ गया है.
खास बात यह है कि यहां के किसान शेडनेट के अलावा पॉली हाऊस, ड्रिप एवं मच्लिंग तकनीक से भी फूलों की खेती कर रहे हैं. इन किसानों द्वारा उगाए गए फूलों की मांग छत्तीसगढ़ से लगे हुए सभी राज्यों में बहुत ज्यादा है। छत्तीसगढ़ सरकार अपने राज्य में इस तकनीक से खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए वह राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत संरक्षित खेती के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है.