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प्रयागराज हिंसा का आरोपी इमरान अंसारी गिरफ्तार, पुलिस के सामने किया बड़ा खुलासा


प्रयागराज. संगम नगरी प्रयागराज में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद अटाला इलाके में हुई हिंसा और बवाल के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. करेली थाना पुलिस ने हिंसा में शामिल इमरान अंसारी को गिरफ्तार कर सोमवार को जेल भेज दिया है. इमरान से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी वीडियो देखकर अटाला में हिंसा, तोड़फोड़, आगजनी और बवाल किया गया था.


दरअसल मदरसे का एक पूर्व छात्र अम्मार जो वर्तमान में पश्चिम बंगाल में है, उसने वॉट्सऐप पर आला-हजरत नाम से एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर लड़कों को जोड़ा था. उस ग्रुप में पाकिस्तान में बने वीडियो को शेयर किया जा रहा था. इसी वीडियो की मदद से अपील की गई थी कि 10 जून को जुमे की नमाज के बाद विरोध करना है और दमखम दिखाना है.



 

इस मैसेज को पढ़कर इमरान समेत कई अन्य लड़के अटाला में पहुंचे और उन्होंने पत्थरबाजी कर बवाल किया. ऐसी चर्चा है कि वॉट्सऐप ग्रुप में पाकिस्तानी लड़के भी जुड़े थे. हालांकि प्रयागराज के एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह ने इसका खंडन किया है. उनके मुताबिक पुलिस ने इमरान अंसारी के मोबाइल को फिलहाल जब्त कर लिया है और उसे फॉरेंसिक लैब भेजकर मोबाइल से डाटा रिकवर कराया जाएगा. उनके मुताबिक इमरान ने अपने अन्य साथियों के नाम और पते भी बताए हैं. पुलिस अब उनकी लोकेशन तलाश करने में जुट गई है.


गौरतलब है कि हिंसा और बवाल के बाद करेली और खुल्दाबाद थाना पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज किए थे, जिसमें 80 से ज्यादा लोगों को नामजद और 5000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. हिंसा का मास्टरमाइंड जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप को बताते हुए सबसे पहले उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इसके बाद अब तक 105 लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी, जबकि 106वें आरोपी के रूप में इमरान अंसारी को पुलिस ने जेल भेजा है. पुलिस इमरान से पूछताछ के आधार पर आरोपियों की तलाश में जुट गई है.



 

पुलिस की ओर जारी किए गए पोस्टर की मदद से करेली में वेल्डिंग चौराहा निवासी 22 साल के इमरान अंसारी को गिरफ्तार किया गया है. वह बांस बल्ली की दुकान में काम करता है. उसने पुलिस को जानकारी दी है कि गरीब नवाज और जामिया हमीदिया मदरसे में पढ़ाई करता था और वहां के लड़कों ने भी वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था, जिससे वह जुड़ा हुआ था. उन लोगों ने भी 10 जून को बंद का आह्वान किया था.


इमरान ने पुलिस को बताया है कि जेल भेजे गए तौफीक के कहने पर वह मैसेज पढ़कर अटाला में विरोध प्रदर्शन करने गया था. उसके मोबाइल से कई अहम जानकारियां भी मिली है. पुलिस ने यह भी बताया है कि इमरान ने भी बंद का स्टेटस अपने मोबाइल पर लगा रखा था. इस खुलासे के बाद साजिश में शामिल पश्चिम बंगाल में बैठे छात्र अम्मार की तलाश में पुलिस जुट गई है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही अम्मार को गिरफ्तार कर लेगी, जिसके बाद इस मामले में कई दूसरे बड़े खुलासे हो सकते हैं.