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माही बांध का समझौता खत्म करने की मांग, किसानों ने भरी हुंकार



बांसवाड़ा। माही बांध को लेकर राजस्थान व गुजरात सरकार के बीच समझौते को अब खत्म करने की आवश्यकता है। माही के पानी पर पहला हक वागड़ का है। वागड़ को अपनी नहरों और खेतों में अब 12 महीने पानी चाहिए। जो पार्टी इस समझौते का खत्म करेगी, आगामी चुनाव में उसी को समर्थन देंगे। यह निर्णय त्रिपुरा सुंदरी मंदिर प्रांगण में आयोजित वागड़ हुंकार रैली में लिया गया। अड़ेश्वर महादेव मठ के प्रहलाद महाराज की अध्यक्षता में आयोजित सभा में उपस्थित ग्रामीणों ने अपने हाथ उठाकर किंग सेना मातृभूमि धर्म संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष गगन सिंह राव के साथ हुंकार भरी कि माही-गुजरात समझौता खत्म कराओ और वोट लो। राव ने कहा कि 6 महीने बाद चुनाव हैं। नेताओं से पूछना कि 22 साल पहले माही बांध का पानी गुजरात के लिए बंद कर देना चाहिए था। अब तक क्यों नहीं किया। माही का पानी वागड़ के खेतों तक पहुंचाओ और वोट लो।




राव ने कहा कि किंग सेना हर पंचायत में 50 बीजू बकरे सरकारी सहायता से पहुंचाने का भी काम करेगी।राजनीतिक दलों की चुप्पी गढ़ी पंचायत समिति सदस्य पंकज चरपोटा ने कहा कि माही बांध को लेकर राजस्थान और गुजरात के बीच 1966 में हुए समझौते को खत्म करने के लिए सभी राजनीतिक दल चुप हैं। रणनीतिकार घनेन्द्र सिंह सरोहा ने कहा कि 10 जयसमंद जितना पानी हर साल बहकर गुजरात जा रहा है। माही का पानी गुजरात के 10 विधानसभा क्षेत्रों में जाता है। वहां कांग्रेस, भाजपा, बीटीपी के वोटर हैं। वागड़ की जनता का कंठ सुखाकर गुजरात का गला तर करने का राजनीतिक षड़यंत्र नहीं चलेगा।




रैली में गढ़ी विधानसभा संगठन प्रभारी विनोद डिंडोर ने रोडवेज बसों में महिलाओं की यात्रा निशुल्क करने, विश्वजीत सिंह राव ने आदिवासी वृद्ध की पेंशन उम्र 50 वर्ष और महिलाओं की उम्र 45 वर्ष करने की मांग की। अमृत सिंह मईड़ा ने मनरेगा दिवस 200 दिन करने व दिहाड़ी दोगुना करने की पैरवी की। बक्सू महाराज व नागेन्द्र सिंह राव ने लेम्प्स से किसानों को खाद व बीज निशुक्ल देने, मेट, आशा सहयोगिनी, साथिन, आंगनबाड़ी कर्मियों को स्थायी करने की मांग की। डकारकुंडी सरपंच उर्मिला चरपोटा, टीकराज सिंह आदि ने भी संबोधित किया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रवीन्द्र सिंह, महासचिव सुनील निमावत, सन्नी सिंह ने आरंभ में स्वागत किया। करणी सेना के पुष्पेन्द्र सिंह, नाथू महाराज, पूनमचंद महाराज, महेन्द्र बारोड़ी, राहुल, हनुमान सिंह, नेपाल सिंह, प्रकाश सालवी, राकेश सुहालका, हर्ष नासा, प्रकाश वीरवाल आदि उपस्थित रहे। संचालन किशन रायकी ने किया।