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कुत्तों के झुंड ने दौड़ाया चीतल को वाहन से टकरा कर हुई लहूलुहान

तपेश्वर चंद्रा जीपीएम ।मरवाही वन मंडल के अंतर्गत दानी कुंडी में कुत्तों के झुंड ने हिरण को  दौड़ाया अपनी जान बचाने के लिए  हिरण पेन्ड्रा  मरवाही मुख्य मार्ग मैं आ पहुंची थी तभी  एकाएक  मार्ग  से आ रही वाहन से टकराकर हिरण घायल हो गया बता दें कि आए दिन दानी कुंडी के जंगलों में पिछले 2 सप्ताह के अंदर ही लगभग 3- 4 चीतल कही वाहन से टकरा कर तो कही कुत्तों झुंडों से की मौत चुकी हैं। फिर भी अभी तक वन विभाग सजक नही रही है।फिर शुक्रवार को सप्ताहिक बाजार दानीकुंडी में वाहन से टकरा कर चीतल घायल हो गया।गौर तलब है की भीषण गर्मी के चलते जंगल में रहने वाले जानवर रिहायशी इलाकों का रुख कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पानी की तलाश में भटक रही थी हिरण। लेकिन जहां तक देखा जाए मरवाही वन परीक्षेत्र में लगभग सैकड़ों वन विभाग की तरफ से डेम्फ,

तालाब बनाए गए हैं। ऐसा डैम बनाया गया जिसमें पानी ही नहीं रुकता अगर पानी रुकता तो वन जीव पानी की तलाश में नही भटकते जहाँ तक देखा जये वन्यजीवों के चलते जंगल का रुख बदला रहता है।आज दिन-ब-दिन वन जीव कुत्तों का शिकार होते जा रहे हैं कहीं ना कहीं वन विभाग की लापरवाही देखी जा रही है। बताया जा रहा है कि जहां चीतल घायल हुआ था वहां पर चीतल लहूलुहान दर्द से तड़प रही थी लेकिन ना ही वहां वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी ना ही चौकीदार आए। जबकि वहां से फॉरेस्ट ऑफिस 500 मीटर के दायरे में था। फिर वही दानी कुंडी के सरपंच चैन सिंह साथ ही युवा कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष राजेश पुरी ने बताया कि वहां पर हिरण लोहूलुहान दर्द से तड़प रही थी।मैं सप्ताहिक बाजार में सब्जी लेने के लिए आया हुआ था देखा कि वहां पर वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी ना ही वहा पर चौकीदार रहे फिर मैं छोटी वाहन ऑटो से फॉरेस्ट ऑफिस तक ले गया।फिर वहा पर चौकीदारो ने एक आधे घंटे में विभाग की मदद से प्राथमिक उपचार के लिए भेजा गया।

एक तरफ वन जीवो से जंगल उजड़ते जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ वन कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। *छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ गौरेला पेंड्रा मरवाही के जिला अध्यक्ष लाल बहादुर कौशिक ने बताया कि हम 12 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन 21 मार्च से  हड़ताल पर बैठे हुए हैं आज हड़ताल का 20 वा दिन है और हमारी 5 मांगे शासन प्रशासन के द्वारा पूरी की गई है। हमारे प्रांताअध्यक्ष मूलचंद शर्मा एवं वन मंत्री के द्वारा एक बैठक हुई थी जिसमे लिखित रूप से आश्वासन दिया गया है कि आपके द्वारा हड़ताल खत्म कर दिया जाए बाकी मांगों को हम एक सप्ताह या 15 दिन के भीतर पूर्ण कर देंगे। अब देखने वाली बात है कि इनकी मांगे आखिर शासन प्रशासन कब तक इनकी मांगो को पूरी कर पाते है।बता दें कि यहां लगातार जंगल भगवान भरोसे चल रहा है कहीं ना कहीं वन जीवों से भी उजड़ता हुआ जंगल और दूसरी और पेड़ों की तस्करी, जंगलों में आग लगना लगातार,जारी है। शासन प्रशासन को जल्द ही इनकी मांगों को पूरा किया जाए और जंगल को बचाया जाए।