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यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से फिर एक बार आप के जेब पर पडे़गा असर.. देखे क्या क्या हुआ महंगा

यूक्रेन) पर रूस की सैन्य कार्रवाई से दुनिया भर में कोहराम मच गया है. इससे दुनिया के तमाम देशों में गहरी चिंता पैदा हो गई है. रूस और यूक्रेन के इस युद्ध से वैश्विक बाजार में बड़ी उथल-पुथल मची है. रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई से सोने, चांदी से लेकर कच्चे तेल में भारी बढ़ोतरी देखी गई है. सोने की बात करें, तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में आज सोने की कीमत साल 2022 में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. सोने की कीमत में इस अनिश्चित्ता की स्थिति के बीच 2.15 फीसदी की तेजी देखी गई है. सोने की कीमतें 1400 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब बनी हुई हैं. वहीं, चांदी की कीमतों में करीब 2 फीसदी का उछाल देखा गया है. चांदी कीमतें मौजूदा समय में 24.86 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रही है.


यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर भी बड़ा असर पड़ा है. गुरुवार को कारोबार के दौरान ब्रेंट क्रूड की कीमत 4.39 फीसदी चढ़कर 101.09 डॉलर प्रति बैरल हो गई. वहीं डब्ल्यूटीआई क्रूड का भाव 4.33 फीसदी बढ़कर 96.09 डॉलर प्रति बैरल हो गया. इससे भारत में भी पेट्रोल और डीजल में कीमतें में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. भारत में भी इससे जल्द पेट्रोल-डीजल खरीदना महंगा हो सकता है. सोने-चांदी और कच्चे तेल के अलावा कई दूसरी चीजें हैं, जिनमें युद्ध शूरू होने की वजह से तेजी देखने को मिल रही है. प्राकृतिक गैस में इन हालातों के बीच 6.25 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. इसके अलावा Nickel की कीमतों में 2.01 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ एल्युमीनियम में 2.00 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.



आपको बता दें कि क्रूड महंगा होने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर सीधा असर होता है. भारत क्रूड का इंपोर्ट करता हैं, उनका इंपोर्ट बिल बढ़ेगा, जिससे बैलेंसशीट बिगड़ेगी. इन देशों का चालू खाता और राजकोषीय घाटा बढ़ेगा. इन देशों की करंसी कमजोर होंगी. इससे इन देश में महंगाई बढ़ने का खतरा भी बढ़ेगा. भारत सबसे बड़े क्रूड खरीदारों में हैं. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था पर असर हो सकता है. अगर क्रूड का भाव 100 डॉलर के पार बना रहता है तो पेट्रोल और डीजल भी महंगे होने के आसार हैं. इससे महंगाई बढ़ेगी.