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रामनवमी और हनुमान जयंती में हुए हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुईं कई याचिकाएं

राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में रामनवमी और दिल्ली में हनुमान जयंती के अवसर पर निकाले गए धार्मिक जुलूस के दौरान हिंसा मामले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 3 याचिकाएं दाखिल की गई हैं. एडवोकेट विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में ज्यूडिशियल कमीशन के जरिए इन राज्यों में हुई हिंसा की जांच कराए जाने की मांग की है. गौरतलब है कि राजस्थान के करौली, गुजरात के साबरकांठा, आणंद और द्वारका में एवं मध्य प्रदेश के खरगौन में रामनवमी के दिन निकाली गई शोभा यात्रा पर कथित पथराव के बाद हिंसा भड़क गई थी. इसके अलावा कर्नाटक और झारखंड में भी हिंसा की वारदातें हुई थीं.

वहीं, दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के दिन निकाली गई शोभा यात्रा पर कथित पथराव के बाद हिंसा भड़क गई थी. दिल्ली की जहांगीरपुरी में हुई हिंसा को लेकर अमृतपाल सिंह खालसा नाम के एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण के समक्ष एडवोकेट विशाल तिवारी ने एक पत्र याचिका दायर की है, जिसमें शीर्ष अदालत से इन घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेकर सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग गठित करने और अपनी निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस की अब तक की जांच पक्षपाती, सांप्रदायिक और दंगों की तैयारी करने वालों को सीधे तौर पर बचाने वाली रही है.

वकील अमृतपाल सिंह खालसा ने मुख्य न्यायाधीश को लिखे अपने पत्र में कहा है, इस अदालत ने 2020 में दंगों को रोकने में विफल रहने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. उसके बाद से दिल्ली पुलिस की छवि कमजोर हुई है और लोगों का उस पर विश्वास कम हुआ है. ऐसा दूसरी बार है जब राजधानी में दंगे भड़के हैं. मीडिया रिपोर्ट्स पर भरोसा करते हुए अपनी पत्र याचिका में अमृतपाल सिंह खालसा ने कहा है कि हनुमान जयंती के मौके पर निकली शोभा यात्रा में शामिल कुछ सशस्त्र लोगों ने रास्ते में पड़ी मस्जिद में प्रवेश करने की कोशिश की. इसके बाद दोनों समुदाय के सदस्यों की ओर से एक दूसरे पर पथराव हुआ.

आपको बता दें कि इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के 7 से 8 कर्मी घायल हो गए थे. एक पुलिस इंस्पेक्टर को गोली लगी थी और एक आम नागरिक गंभीर रूप से घायल हो गया था. निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा. राम नवमी और हनुमान जयंती पर दिल्ली समेत 7 राज्यों में हुई हिंसा के मामले में एक अन्य वकील विनीत जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर NIA से जांच कराने की मांग की है. जिंदल ने इन घटनाओं में ISIS जैसे राष्ट्रविरोधी और अंतरराष्ट्रीय आतंकी जेहादी संगठनों के लिंक का पता लगाने के लिए NIA जांच की मांग की है. साथ ही याचिका में कहा गया है कि हिंसा से संबंधित मामलों की जांच NIA को सौंपने के आदेश जारी किए जाएं.