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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा दोनों देशों के रिश्तों को लेकर हुई बातचीत..

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा के बीच शनिवार को हुई बातचीत में लिपुलेख विवाद पर चर्चा हुई. विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष इस मसले को एक जिम्मेदार देश के तौर पर वार्ता के जरिए हल करना चाहते हैं. इसके साथ ही दोनों देशों ने इस संबंध में किसी भी तरह के राजनीतिकरण से बचने की जरूरत पर भी जोर दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा ने शनिवार को सीमा पार रेल नेटवर्क एवं बिजली पारेषण लाइन का उद्घाटन किया. साथ ही नेपाल में भारत के रुपे भुगतान कार्ड की शुरुआत की. दोनों पक्षों ने रेलवे और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के लिए चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जबकि कई क्षेत्रों में व्यापक सहयोग की प्रतिबद्धता जतायी.

विदेश मंत्रालय ने नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के नई दिल्ली दौरे को महत्वपूर्ण द्विपक्षीय यात्रा बताया क्योंकि नेपाल के किसी पीएम की भारत यात्रा काफी लंबे समय बाद हुई है. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री का यह पांचवा भारत दौरा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा के बीच व्यापक मुद्दों पर बातचीत हुई, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, संपर्कता जैसे मसले शामिल रहे.

विदेश सचिव ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में संयुक्त ‘पावर विजन’ जारी किया गया और दोनों देशों के बीच रेल लिंक/पैसेंजर ट्रेन की शुरुआत भी हुई. ये रेल सेवा बिहार के जयनगर से नेपाल के जनकपुर होते हुए कुर्था तक जाएगी. भारत और नेपाल के बीच शुरू हुई ये रेल सेवा कुल 34.9 किलोमीटर लम्बी होगी. भारत और नेपाल के बीच शुरू हुए इस रेल मार्ग पर 127 छोटे और 15 बड़े पुलों का निर्माण किया गया है.

इसके साथ ही नेपाल में Rupay कार्ड भी लॉन्च किया गया. दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने भूकंप के बाद नेपाल में विकास कार्यों की भी समीक्षा की. विदेश सचिव ने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को नेपाल आने का न्यौता दिया है, जिसकी तारीख आपसी सहमति के बाद तय की जाएगी. नेपाली प्रधानमंत्री एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ शुक्रवार को तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे थे. काठमांडू में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद पिछले साल जुलाई में पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनने के बाद देउबा की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है.