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पिकअप दुर्घटनाग्रस्त: लकड़ी तस्करी का हुआ खुलासा, चालक फरार



अंबिकापुर। अंबिकापुर-रामानुजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग पर राजपुर के गेउर नदी पुलिया के पास बेकाबू पिकअप के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद लकड़ी तस्करी का रहस्योद्घाटन हुआ।पिकअप में 34 नग चौखट लोड था।इसके पहले कि पिकअप को जब्त किया जाता चालक मौके से वाहन लेकर भाग निकलने में सफल रहा।वन विभाग ने चौखट को जब्त कर लिया है। लकड़ी तस्करी में प्रयुक्त पिकअप वाहन की खोजबीन की जा रही है। गुरुवार की सुबह राजपुर शहर की ओर से तेज रफ्तार की पिकअप अंबिकापुर की ओर जा रही थी।गेउर नदी पुल के पास मोड़ पर चालक का वाहन पर से नियंत्रण हट गया।तेज रफ्तार पिकअप नदी में गिरने से बाल-बाल बच गई।दुर्घटनाग्रस्त पिकअप में चौखट लोड किया गया था।


कई चौखट सड़क किनारे गिर गए तो चालक ने उसे झाड़ियों में तेजी से छिपाना शुरू कर दिया।तब तक राजपुर पुलिस की टीम मौके पर पहुंच जांच पड़ताल में लगी थी उसी दौरान चालक, चकमा देकर वाहन सहित भाग निकला।बाद में वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और चौखट को जब्त कर लिया।घटनास्थल से पिकअप को लेकर चालक तेजी से गोपालपुर,प्रतापपुर की ओर भाग निकला।जानकारी के अनुसार कि वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मुख्यालय में नहीं रहते। इसके चलते लकड़ी तस्करों के हौसले बुलंद है। वनों की कटाई अंधाधुध की जा रही है। वन विभाग के कर्मचारियों को राजपुर में आवास सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद भी राजपुर में न रहकर संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में रहने के कारण लकड़ी तस्कर दिनदहाड़े पिकअप व अन्य वाहनों से से अन्य जिले सहित पड़ोसी राज्य में भी पटरा, चौखट व लकड़ी खपा रहे हैं।राजपुर वन परिक्षेत्र के सेमरा, बकसपुर, लाउ, अलखडिहा, भिलाई खुर्द, उलिया, नरसिंहपुर, करवा, डिगनगर के जंगल में पेड़ो की अवैध कटाई की जा रही है। वन विभाग के अधिकारी ,कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी में भी लापरवाही बरती जा रही है। मुख्यालय में निवास नहीं करने के कारण रात्रि गश्त भी नहीं होती जिसका फायदा लकड़ी तस्कर उठा रहे हैं।